प्रदेश में पेंडिंग 7.5 लाख केसाें में से 4 लाख सरकार के खिलाफ

प्रदेश में विभागीय कार्यप्रणाली के अजीबो-गरीब हालात हैं। अफसरशाही और सरकारी दबाव में लिए गए फैसलों का असर यह है कि कुल 51 सरकारी विभागाें पर 4 लाख केस दर्ज हैं, जबकि शेष 35 विभागों के खिलाफ महज 58 हजार केस काेर्ट में पेंडिंग हैं। इनमें से स्कूली शिक्षा, बिजली, फाइनेंस, पुलिस व जेडीए सहित 16 विभागाें पर ही 3.40 लाख केस दर्ज हैं।



प्रदेश में पेंडिंग 7.5 लाख केसाें में से 4 लाख सरकार के खिलाफ हैं। विधि एवं न्याय विभाग के स्तर पर की जा रही माॅनिटरिंग और लाइट्स साफ्टवेयर के जरिये की गई स्क्रीनिंग में ये चाैंकाने वाले अांकड़े सामने आए हैं। स्कूली शिक्षा, बिजली, फाइनेंस, पुलिस व जेडीए के खिलाफ करीब सवा लाख केस कोर्ट में चल रहे हैं। सर्वाधिक विवाद वाले प्राथमिक शिक्षा जैसे एक विभाग के खिलाफ ही 33,600 से अधिक केस पेंडिंग हैं।



अफसरशाही के फैसले व सरकारी नीतियां भी केस बढ़ने की वजह
विधि एवं न्याय विभाग के अनुसार प्रदेश में कुल 7.5 लाख केस पेंडिंग हैं। इनमें से करीब 4 लाख ताे राज्य सरकार के खिलाफ हैं। ये केस आमजन के खिलाफ एक-दूसरे की अाेर से दर्ज कराए गए केसाें से भी करीब एक लाख ज्यादा है। हर भर्ती, नीति या ट्रांसफर को लेकर सैकड़ों की संख्या में सरकार के खिलाफ केस दर्ज हो रहे हैं। लिहाजा, हर साल पेंडेंसी बढ़ रही है।